What Happened 22 April 2025? In Pahalgam, jummu kashmir! !

 

22 अप्रैल 2025 – पहलगाम, भारत-नियंत्रित कश्मीर

एक भयानक हमले की खबर सामने आई है, जिसमें 26 पर्यटकों की मौत हो गई और 17 घायल हुए हैं। भारत सरकार का कहना है कि "कश्मीर रेजिस्टेंस" नामक एक सशस्त्र समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। और भी चौंकाने वाली बात यह है कि हमलावरों ने कथित रूप से पर्यटकों से उनका धर्म पूछा और केवल गैर-मुस्लिमों पर गोली चलाई, जबकि मुसलमानों को छोड़ दिया।


यह घटना सुनकर ऐसा लगता है जैसे 2008 के मुंबई हमलों के बाद यह भारत में पर्यटकों पर सबसे भीषण हमला है।



लेकिन यहां एक बड़ा सवाल उठता है। यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब भारत में मुसलमानों पर अत्याचार, हत्या और दमन की खबरें विश्व मीडिया में छाई हुई हैं। इन सबके चलते भारत पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा था। और ठीक उसी समय यह हमला हो गया। भारत सरकार का यह कहना कि हमलावरों ने धार्मिक आधार पर हत्या की, और भी ज्यादा संदेह पैदा करता है। क्या यह महज संयोग है, या इसके पीछे कोई बड़ा खेल चल रहा है? इसके पीछे क्या कारण हो सकते हैं?


मेरे अनुसार, सबसे पहली बात, यह एक रणनीति हो सकती है ताकि भारत के मुस्लिम समुदाय पर हो रहे अत्याचारों से दुनिया का ध्यान हटाया जा सके। जब पूरी दुनिया भारत की आलोचना कर रही थी, ऐसे में इस तरह की घटना लोगों का ध्यान हमले की ओर मोड़ सकती है और मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचारों के आरोप पीछे छूट सकते हैं। यह भारत सरकार के लिए एक बड़ा मौका हो सकता है।




दूसरी बात, इस हमले का तरीका—जिसमें सिर्फ गैर-मुस्लिमों को निशाना बनाया गया—देश के अंदर धार्मिक तनाव फैला सकता है। हिंदू, सिख, ईसाई—जो भी गैर-मुस्लिम हैं, उनके मन में मुस्लिमों के प्रति गुस्सा पैदा हो सकता है। अगर यह भारत सरकार की कोई सुनियोजित योजना है, तो हो सकता है वे जनता की सहानुभूति अपने पक्ष में करना चाहते हों, ताकि लोग मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार को भूल जाएं और इस हमले के लिए उन्हें ही दोषी ठहराएं।


तीसरी बात, यह हमला भारत को दुनिया के सामने "आतंकवाद का शिकार" के रूप में प्रस्तुत करने में मदद कर सकता है। यह कश्मीर में सख्त सुरक्षा व्यवस्था या मुस्लिमों पर नियंत्रण के लिए एक बहाना बन सकता है। भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कह सकता है, "देखो, हम कैसे आतंकवाद का सामना कर रहे हैं!" इससे उनकी आंतरिक नीतियों की आलोचना कम हो सकती है।


अब सवाल यह है—क्या यह हमला भारत सरकार की कोई पूर्व-नियोजित साजिश थी? क्या उन्होंने पर्यटकों को एक चारा बनाकर ऐसा माहौल तैयार किया, जिससे मुस्लिमों पर और अत्याचार किया जा सके या दूसरे धर्मों के लोगों को मुस्लिमों के खिलाफ भड़काया जा सके?




सच कहूं तो, मेरे पास ऐसा कोई सीधा प्रमाण नहीं है जिससे इसे साबित किया जा सके। लेकिन घटना का समय बहुत ही संदेहास्पद है। जब भारत पर मुस्लिमों के दमन को लेकर दबाव बढ़ रहा था, तब ऐसा हमला, जिसमें धार्मिक विभाजन इतनी स्पष्टता से दिख रहा हो—संयोग लग सकता है, लेकिन इसे पूरी तरह नकारा नहीं जा सकता। इतिहास में ऐसे कई उदाहरण हैं जहाँ राजनीतिक फायदे के लिए इस तरह की घटनाओं का इस्तेमाल किया गया है।


अंत में कहूँ तो, पहलगाम का यह हमला भारत के लिए एक बड़ा अवसर बन सकता है। यह मुस्लिमों पर अत्याचार के आरोपों से ध्यान हटाने, देश में धार्मिक तनाव फैलाने और दुनिया से सहानुभूति पाने में मदद कर सकता है। यह पूरी तरह से भारत सरकार की साजिश है या नहीं, यह कहना मुश्किल है। लेकिन समय और परिस्थितियों को देखकर लगता है कि इसके पीछे कोई गहरी मंशा जरूर हो सकती है। सच्चाई जानने के लिए हमें और जानकारी का इंतजार करना होगा।

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